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श्मशान घाट बनने के प्रक्रिया के विरोध में लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन।

सिलीगुड़ी : लगातार सिलीगुड़ी शहर में  लोगों की आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। करीबन 10 लाख से भी ज्यादा लोगों की आबादी अब सिलीगुड़ी शहर में पहुंच चुकी है। सिलीगुड़ी शहर में दो विद्युतीय सावदाहगृह है। 

एक निजी तौर पर संचालित शमशान घाट है। सरकार ने कोरोना के शवों के दाह संस्कार के लिए सिलीगुड़ी शहर संगलन साहुडांगी श्मशान घाट का अधिग्रहण किया है। 

सिलीगुड़ी में स्थित किरण चंद्र श्मशान घाट पर दिन प्रतिदिन दाहसंस्कार करने का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। और एक नया वैकल्पिक श्मशान घाट हो इसी परियोजना के तहत बीते कल सिलीगुड़ी नगर निगम के चेयरमैन गौतम देव , सिलीगुड़ी प्रशासक मंडली के सदस्य रंजन सरकार , 

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आलोक चक्रवर्ती सहित सिलीगुड़ी नगर निगम के कमिश्नर सोनम वांगदी भुटिया ने सिलीगुड़ी नगर निगम सरोजिनी पल्ली वार्ड नंबर 42 के स्विमिंग पूल इलाके के खाली जगह का मुआयना किया था। 

उस दौरान चेयरमैन गौतम देव ने कहा कि साहूडांगी मे एक श्मशान घाट है , साहूडांगी मे अभी सभी कोरोना से मरने वाले लोगों के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। दबाव कम करने के लिए महानंदा नदी के किनारे एक और श्मशान घाट बनाए जाएगा। 

गौतम बाबू ने यह भी कहा है कि शहर में अभी एक स्वयंसेवी संस्था की तरफ से राम घाट तैयार किया गया है और  वहां पर लकड़ी और गोबर के इस्तेमाल से शव का अंतिम संस्कार किया जाता है। 

वहीं गौतम बाबू ने यह भी कहा है कि किरण चंद्र श्मशान घाट में असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए एक पुलिस कैंप भी बनाया जाएगा। 

बीते कल जब सिलीगुड़ी नगर निगम के चेयरमैन गौतम बाबू के साथ-साथ अन्य प्रशासन के अधिकारियों ने सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 42 के सरोजनी पल्ली स्विमिंग पूल इलाके का मुआयना करके गए तो लोगों में हलचल सी मच चुकी है। 

स्थानीय लोगों का कहना है कि शमशान घाट बनाने के बजाय विद्यालय अस्पताल है या फिर बच्चों के खेलने के लिए पार्क बनवाया जाए। 

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स्थानीय लोगों ने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर श्मशान घाट बनाया जाएगा तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा और साथ ही साथ कई सारे लोगों को यह इलाका छोड़कर भी जाना पड़ सकता है। 

अगर स्विमिंग पूल के नजदीक श्मशान घाट बनाया जाएगा तो यहां पर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाएगा , लोगों ने यह भी कहा है कि ऐसे ही स्विमिं पुल इलाके में नशा करने वालों  का अड्डा जमा हुआ रहता है श्मशान घाट बनने के बाद असामाजिक तत्वों को और भी बढ़ावा मिल जाएगा जो की स्थानीय निवासी कतई नहीं होने देंगे। 

स्थानीय निवासियों के द्वारा आज समाज के लोगों को लेकर एक मीटिंग की गई थी और मीटिंग में स्थानीय निवासियों ने साफ तौर पर कह दिया है कि इसमें कोई दोहराए नहीं है। 

कि सिलीगुड़ी में एक और श्मशान घाट की जरूरत है , पर श्मशान घाट यहां पर बनाने के बजाय किसी और खाली जगह या फिर कोई जंगल इलाके में किया जाए ना कि इस घनी आबादी वाले क्षेत्र में। 

लोगों ने यह भी कहा है कि किरण चंद्र श्मशान घाट में ही दाह संस्कार करने वाला विद्युतीय चूल्हा को बढ़ाना चाहिए।

ब्यूरो रिर्पोट : रोज खबर दुनिया।

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