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थाईलैंड ट्राइंगल शिखर सम्मेलन से पांच अवार्ड लेकर सिलीगुड़ी पहुंची पूर्णिमा।

: विभिन्न संघ-संस्था के प्रतिनिधियों ने किया जोरदार स्वागत। 

: ज्योतिष-वास्तु शास्त्र के क्षेत्र में लगातार हासिल कर रही है उपलब्धि।

सिलीगुड़ी : थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में अमेरिकी अनुसंधान संगठन की ओर से आयोजित थाईलैंड ट्राइंगल शिखर सम्मेलन-2022 में पांच अवार्ड हासिल करने वाली पूर्णिमा सोनार बुधवार को बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंची। एयरपोर्ट पहुंचने पर विभिन्न संघ-संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने जोरदार स्वागत किया। 

उल्लेखनीय है कि पूर्णिमा सोनार सिलीगुड़ी के देवीडांगा की निवासी हैं, जो वास्तु व ज्योतिष के क्षेत्र में भी कई उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं। मिली जानकारी के अनुसार ज्योतिष-वास्तु शास्त्री पूर्णिमा सोनार बैंकाक से दिल्ली पहुंची। दिल्ली से रुड़की पहुंचकर अपने गुरु और गुरुमाता से आशीर्वाद प्राप्त कर सिलीगुड़ी पहुंची। 

बागडोगरा हवाई अड्डे पर पूर्णिमा के माता-पिता व परिजनों के साथ स्थानीय डॉ उदय हेल्थ सेल्युशन के प्रमुख एवं पूर्व प्राध्यापक डॉ. उदय ब्राह्ममीन, सिलीगुड़ी उम्मीद फाउंडेशन तथा उज्जानु युवा संघ के वरिष्ठ सदस्य संजय साह, अनुसूचित जाति जागृति समाज (मिलनमोड़) के भूतपूर्व सैनिक व अध्यक्ष कपिल दियाली, आदिवासी समाज के बिकाश उरांव ने जोरदार स्वागत किया। 

मिली जानकारी के अनुसार ज्योतिष व वास्तु के क्षेत्र में चर्चित पूर्णिमा सोनार ने इससे पहले भी कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सम्मान अपने नाम कर चुकी हैं। थाईलैंड ट्राइंगल शिखर सम्मेलन में पूर्णिमा सोनार को पांच अवार्ड्स मिले हैं, जिसमें वास्तु तथा चिकित्सा ज्योतिष क्षेत्र में 'मेडिकल एस्ट्रोलॉजिकल प्रॉफिसिन्सी अवार्ड', ज्योतिष चक्रवर्ती अवार्ड, इंडो थाईलैंड वास्तु बृहस्पति अवार्ड्, इंटरनेशनल एस्ट्रो पुरोहित अवार्ड, इंडो थाईलैंड ज्योतिष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

थाईलैंड ट्राइंगल शिखर सम्मेलन से पांच अवार्ड लेकर सिलीगुड़ी पहुंची पूर्णिमा।

ज्योतिष-वास्तु शास्त्री पूर्णिमा सोनार के पिता समाजसेवी एवं वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार हिम बहादुर सोनार ने बताया कि पूर्णिमा के गुरू विश्वविख्यात प्राच्य विद्या विशेषज्ञ एवं वाममार्ग तंत्राचार्या पंडित (डॉक्टर) दिवाकर शर्मा से ज्ञान प्राप्त कर कम उम्र में ही ज्योतिष-वास्तु शास्त्री पूर्णिमा ने कई सम्मान हासिल की है। श्री सोनार ने बताया कि थाईलैंड ट्रैंगल शिखर सम्मेलन के दौरान बेटी पूर्णिमा के साथ-साथ उनके गुरू पंडित (डॉ) दिवाकर शर्मा को भी 'द थाई बुद्धा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड्स' से सम्मानित किया गया है। 

ज्योतिष-वास्तु विज्ञान में नाम रोशन करने वाली पूर्णिमा सोनार के पिता का कहना है कि इस युग में बच्चे वास्तु व ज्योतिष में झुकाव होना ये अच्छा संकेत है। देश में जहां एक ओर बेरोजगारी की मार है। वहीं आज ज्योतिष-वास्तु विज्ञान में अपना भविष्य बनाने में अग्रसर है। बच्चों में अध्यात्म ज्ञान का होना जरुरी है। जब बच्चों के अंदर अध्यात्म व भौतिक ज्ञान का समन्वय होगा तो बच्चों का जीवन सफल बनेगा। इससे आने वाले पीढ़ी को सार्थक संदेश जायेगा। ज्योतिष-वास्तु शास्त्री पूर्णिमा सोनार के माता आशा देवी सोनार ने कहा कि बेटी को सम्मान मिलने से हम सभी परिवार सहित गांव, शहर, राज्य, व देश गौरवान्वित है। पूर्णिमा सोनार ने जो मुकाम हासिल कि है। 

पूरे पश्चिम बंगाल ही नहीं पुर्वोत्तर भारत के साथ देश के लिए ख़ुशी कि खबर है। ज्योतिष-वास्तु शास्त्री पूर्णिमा सोनार के पिता ने कहा कि बेटी के घर पहुंचने से पहले फोन आया कि अमेरिकी अनुसंधान संगठन (इंटरनेशनल एस्ट्रोलॉजी फेडरेशन के अमेरिकन रिसर्च आर्गेनाइजेशन) ने आजीवन मानद सदस्य भी घोषित किया। पूर्णिमा सोनार को बचपन से पढ़ाने वाले स्कूली शिक्षक प्राध्यापक मनोज चक्रवर्ती ने भी शुभकामनाएं दी है।

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