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खोरीबाड़ी के पानीटंकी में दो दिवसीय तराई लोक संस्कृति महोत्सव 2024 का आयोजन

खोरीबाड़ी : तराई लोक संस्कृति महोत्सव 2024 का आयोजन खोरीबाड़ी के भारत-नेपाल सीमा के पास पानीटंकी के गौरसिंग जोता में किया गया। तराई लोक संस्कृति महोत्सव के उपलक्ष्य में मंगलवार को गौरसिंग जोत के ग्राम पूजा मैदान से एक विशाल जुलूस निकाला गया। 

जुलूस ग्राम पूजा मैदान से शुरू हुआ, और पानीटंकी बाजार से होकर फिर गौरसिंग जोत ग्राम पूजा मैदान में समाप्त हुआ। इस दिन, तराई क्षेत्र की धीरे-धीरे लुप्त हो रही संस्कृतियों को उजागर करते हुऐ विभिन्न लोक संस्कृति नृत्य किया गया। उसके बाद सिलीगुड़ी महकुमा परिषद के सभाधीपति अरुण घोष ने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से दो दिवसीय तराई लोक संस्कृति महोत्सव 2024 का उद्घाटन किया। 

इस महोत्सव में सिलीगुड़ी मोहकुमा परिषद के सदस्य रोमा रेशमी एक्का, किशोरी मोहन सिंह, अजय ओनराव, समाज सेवक कृष्णा रॉय, राजेन बर्मन और अन्य उपस्थित थे। इस दिन, उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने लुप्त राजबंशी समुदाय के बिसोहारी गीत, भेड़बेली गीत, धिमालों के धिमाल नृत्य, नटुआ पाला गीत सहित विभिन्न नृत्य प्रस्तुत किए। 

इसके अलावा, तराई सांस्कृतिक सोसायटी की पहल के तहत गौरसिंह ग्राम पूजा मैदान में एक संग्रहालय, एक फोटो गैलरी और राजवंशी समुदाय के कपड़े और भोजन के स्टॉल स्थापित किए गए। सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति अरुण घोष ने कहा, यहां तराई क्षेत्र की सभी संस्कृतियों पर प्रकाश डाला गया है। विभिन्न लुप्त संस्कृतियों को लेकर यहां फोटो गैलरी बनाई गई है। 

विभिन्न प्रकार के भोजन की व्यवस्था की गई है, यह एक बहुत अच्छी पहल है।'' इस तरह का महोत्सव अन्य स्थानों पर आयोजित करने की जरूरत है। भविष्य में हम संस्कृति को उजागर करने के लिए एक संग्रहालय बनाने का प्रयास करेंगे।

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