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सरस्वती पूजा हम बसंत पंचमी को क्यों मानते, सरस्वती पूजा का महत्व।

साल :- 2021

दिनांक :- 16 फरवरी 

समय :- सुबह 03 बजकर 36 मिनट

तिथि :- बसंत पंचमी, मंगलवार

 नमस्कार दोस्तों बसंत पंचमी यानी कि सरस्वती पूजा का त्योहार इस साल 16 फरवरी को होने वाला है। हिंदू धर्मो में मान्यता के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती का जन्म हुआ था। 

बहु प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन भगवान ब्रह्मा ने माता सरस्वती की रचना की थी, यानी कि माता सरस्वती का जन्म हुआ था। ब्रह्मा जी ने एक ऐसी सरस्वती देवी की संरचना की, जिनके चार हाथ थे। 

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एक हाथ में वीणा था, दूसरे हाथ में पुस्तक, तीसरे हाथ में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था। ब्रह्मा जी ने माता सरस्वती को वीणा बजाने के लिए कहा, जिसके बाद से संसार की सभी चीजों में स्वर आ गई। यही कारण है कि ब्रह्मा जी ने सरस्वती माता को वाणी की देवी नाम दिया। 

बसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सरस्वती पूजा का हिन्दू धर्मो में विशेष महत्व है। ज्ञान, वाणी, बुद्धि, वि​वेक, विद्या और सभी कलाओं से परिपूर्ण माता सरस्वती की है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन सरवती पूजा की जाती है। 

इसे वसंत पंचमी, ज्ञान पंचमी या श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग अपने बच्चों की शिक्षा प्रारंभ कराते हैं, अक्षर ज्ञान कराते हैं। यह दिन संगीत, कला आदि के ज्ञान अर्जन का शुभारंभ करने के लिए भी उत्तम माना जाता है। 

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ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन सरस्वती पूजा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को ज्ञान, संगीत, कला आदि में निपुण होने का आशिर्वाद देती हैं। 

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ब्युरो रिपोर्ट : रोज खबर दुनिया।                                        Amazon

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